
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 16वां दिल्ली राज्य सम्मेलन में 30 सदस्यीय राज्य कमेटी का चुनाव किया गया और कॉमरेड के.एम. तिवारी को पुनः सर्वसम्मति से राज्य सचिव चुना गया।
झंडा सलामी और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही सीपीआई(एम) दिल्ली का 16 वां राज्य सम्मेलन शुरू हुआ। दिल्ली पार्टी के सबसे सीनियर कॉमरेड जगदीश शर्मा से झंडा फहराया।
सीपीआई(एम) के पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड प्रकाश करात ने सम्मेलन का उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया। कोरोना काल में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर पूंजीपतियों एवं साम्राज्यवादी लूट का असली चेहरा उजागर किया। कॉरपोरेट टैक्स में भारी छूट और राष्ट्रीय संपत्तियों की सुपुर्दगी के जरिये अम्बानी-अडानी जैसे पूंजीपतियों की संपत्ति में भारी वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ मेहनतकश जनता पर पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी की मार है, बेरोजगारी और निजीकरण से उसकी आमदनी में भारी कमी हुई। साम्प्रदायिकता और राष्ट्रवाद के घालमेल के जरिये जनता के अंदर उपजे असंतोष को प्रतिरोध बनने से रोकने का काम किया जा रहा है। इसके बावजूद इस दौर में किसानों और मजदूरों का साझा आंदोलन खड़ा हुआ है। यह एक सकारात्मक बदलाव है।
नवउदारवादी नीतियों के विरुद्ध प्रस्ताव, साम्प्रदायिकता के विरुद्ध प्रस्ताव, महिलाओं उत्पीड़न के विरुद्ध प्रस्ताव,सावर्जनिक स्वास्थ्य पर प्रस्ताव, दलितों पर उत्पीड़न के विरुद्ध प्रस्ताव सम्मेलन में रखे गए।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 16वां दिल्ली राज्य सम्मेलन में समापन भाषण करती हुए पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड बृंदा करात किया
सीपीआई(एम) दिल्ली के राज्य सम्मेलन ने केंद्रीय कमेटी के दिशा निर्देश के आधार पर तय किए गए गाइड लाइन के आधार पर नए नेतृत्व को आगे लाने की योजना बनाई। यह उन कुछ नेतृत्व कारी साथियों की छवि है जिन्होंने अपना जीवन वाम आंदोलन को मजबूत करने में लगा दिया। चाहे कॉमरेड नत्थू प्रसाद हों या कॉमरेड जगदीश शर्मा या कॉमरेड रामपाल या कॉमरेड ब्रह्मजीत या कॉमरेड सोम दत्त शर्मा या कॉमरेड माला जिन्होंने स्वास्थ्य कारण से राज्य कमेटी की जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करने की बात की।
उन सबको सम्मानित करने का काम राज्य सम्मेलन में किया गया। राज्य कमेटी की जिम्मेदारी से इन्हें मुक्त किया गया है, न कि सीपीआई(एम) की गतिविधियों से। इन सभी ने नए साथियों के आने का स्वागत एवं नई ऊर्जा से आंदोलन को मजबूत करने की भूमिका के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं। ये साथी पार्टी के साथ ही जनसंगठनों में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। सभी सीनियर साथियों को क्रांतिकारी सलाम।
एक युवा राज्य कमेटी का गठन सीपीआई(एम) के 16वें राज्य सम्मेलन ने तय किया। उम्र ही नहीं लिंग और जाति के आधार पर भी नेतृत्व को सामाजिक न्याय की तरफ बढ़ता हुआ समझा जा सकता है। प्रीतिश, अमन सैनी, आभा देव, पुष्पेंद्र, श्रावणी जैसे युवा आंदोलनकारियों के जुड़ने से राज्य के आंदोलन को मजबूती मिलेगी। सम्मेलन की सफलता पर सभी साथियों को लाल सलाम।