लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दिल्ली की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए कुछ ठोस सुझाव दिए – सीपीआई(एम) दिल्ली

April 30, 2021
Author: admin

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की दिल्ली राज्य कमेटी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं मुख्यमंत्री) को पत्र लिखकर दिल्ली की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए कुछ ठोस सुझाव दिए हैं। सीपीआई(एम) की दिल्ली राज्य कमेटी मांग करती है कि उन सुझावों पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए उसे अविलंब क्रियान्वित किया जाए।
नीचे पत्र संलग्न किया जा रहा है।
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30 अप्रैल, 2021
आदरणीय अनिल वैजल,
लेफ्टिनेंट गवर्नर
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली।
एवं
आदरणीय अरविंद केजरीवाल,
मुख्यमंत्री,
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार।
महोदय,
आपको पता है कि कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली की स्थिति विकराल रूप धारण कर चुकी है। पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है। 11 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। मौजूदा समय में एक लाख के आसपास दिल्ली में कुल सक्रिय मामले हैं।
पिछले तीन दिनों में एक तरफ जहां टेस्टिंग में कमी दर्ज की गई है, वहीं दूसरी तरफ संक्रमितों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। टेस्टिंग में कमी के कारण जाँच में तो देरी हो ही रही है उसके साथ ही लगातार जाँच की रिपोर्ट आने में भी देरी की शिकायत आ रही है। कई मामलों में कोरोना के सभी लक्षण होने के बाद भी जाँच की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। जिसके कारण ऐसे मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर कोविड अस्पताल में भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। अस्पताल और शवदाह के लिए एम्बुलेंस की बहुत परेशानी हो रही है। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूल किए जा रहे हैं।
एक तरफ जाँच की समस्या है तो दूसरी तरफ इस बार ट्रेसिंग और कोरेन्टीन की पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए ट्रेसिंग का जो काम पिछले कोरोना लहर में किया गया था, उसका फायदा हुआ था। संक्रमण को रोकने एवं कोरेन्टीन की व्यवस्था को पुख्ता करने में वह मददगार साबित हुआ था। इसबार इसके अभाव के कारण संक्रमण को नियंत्रित करना संभव नहीं हो पा रहा है।
दवाइयों एवं ऑक्सीजन की कमी का बहाना बनाकर कालाबाजारी की खबरें आ रही हैं। इन दोनों ही संदर्भों में दिल्ली सरकार की व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। दिल्ली सरकार के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार पूरी दिल्ली में मात्र 12 आईसीयू बेड खाली हैं। इसी तरह से कोविड 19 बेड की संख्या भी मात्र एक हजार के आसपास खाली बता रहा है। ऑक्सीजन के लिए मारामारी हो रही है। हॉस्पिटल तक में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की जान चली गई।
एक तरफ संक्रमण के कारण मरीजों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन दूसरी तरफ डॉक्टर, नर्सिंग आदि कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है। इसका परिणाम है कि वर्तमान चिकित्सा कर्मियों के ऊपर जबरदस्त काम का बोझ बढ़ गया है।
हालात की गंभीरता का एहसास शवदाह गृह के बाहर देखा जा सकता है। अंतिम संस्कार के लिए भी लोगों को दासियों घंटे इंतजार करना पड़ रहा है।
उधर लॉक-डाउन की अनिश्चितता के कारण मजदूरों का पलायन फिर से शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में इसके कारण भी गंभीर समस्या देखने को मिलेगी। संक्रमित निर्माण मजदूरों को उनके ही फंड से नगद सहायता की घोषणा दिल्ली सरकार ने की है। लेकिन जिन मजदूरों की लॉक-डाउन के कारण फैक्ट्री बंद होने से नौकरी छूट गई, या फिर वे सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूर, रेहड़ी-पटरी, रिक्शा-ठेला, दिहाड़ी मजदूरों के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ भी घोषणा नहीं की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉक-डाउन की घोषणा करते हुए वादा किया था कि मजदूर वापस अपने गांव न लौटें, वे उनका ध्यान रखेंगे। लेकिन अभी तक इस सिलसिले में कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है।
इन परिस्थितियों में हम आपसे कुछ ठोस सुझाव साझा करना चाहते हैं –
1. दिल्ली में तत्काल कई अस्थायी अस्पताल बनाने की जरूरत है जिसमें हजारों की संख्या में ऑक्सीजन-बेड एवं आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था हो। इसके साथ ही संकट के इस दौर में सभी निजी अस्पतालों को तत्काल अधिगृहित कर कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत किया जाए।
2. कोरोना से जुड़ी दवाओं के वितरण एवं प्रबंधन में जबरदस्त कमी है। सरकार दवा एवं ऑक्सीजन की कालाबाजारी को तत्काल प्रभाव से नियंत्रित करते हुए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करे। प्लाज्मा की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए।
3. डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों की अविलंब नियुक्ति की जाए।
4. सरकार की ओर से उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहे। इसे दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है।
5. स्कूलों को तत्काल अस्थायी तौर पर कोरेन्टीन सेंटर के रूप में चलाने की जरूरत है।
6. टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाया जाए। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए ट्रेसिंग की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
7. 1 मई से 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं में वेक्सिनेशन की प्रक्रिया को तेज किया जाए।
8. पिछली कोरोना लहर के समय जिस तरह राशनों का किट मजदूरों को दिया गया था, तुरंत इस बार भी वह प्रबंध किया जाए। अगले छह महीने तक उनके राशन की व्यवस्था की जाए।
9. सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी, रिक्शा ठेला चालकों, आदि के जीवन-यापन के संकट को देखते हुए तत्काल 7500 रुपये प्रति माह नगद सहायता प्रदान की जाए।
10. घरों में काम करने वाली महिलाओं एवं पीस रेट पर अपने-अपने घरों में काम करने वाली महिलाओं को तो मजदूर ही नहीं माना जाता। उनकी हालत इस समय बहुत खराब है। इसलिए इनके लिए खासतौर पर राहत की व्यवस्था की जाए।
11. शमसान एवं कब्रिस्तान की अराजक स्थिति में तुरंत हस्तक्षेप कर उसे ठीक किया जाए। एम्बुलेंस और दाह-संस्कार के लिए उचित दर सुनिश्चित किया जाए।
12. मृत्यु के कारण जिन परिवार में जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है, उन परिवारों को दिल्ली सरकार जीवन यापन के लिए प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करे।
13. दिल्ली सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को ऑक्सीजन गैस सिलेंडर पर जीएसटी को समाप्त करने के लिए लिखा जाना चाहिए।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की दिल्ली राज्य कमेटी दिल्ली सरकार के काम में सहयोग के लिए तैयार है। आपसे उम्मीद है कि इन सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उसे तत्काल लागू करने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद के साथ।
के.एम. तिवारी
सचिव
सीपीआई(एम), दिल्ली राज्य कमेटी
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  • Satyavan Rathee

    अक्षर इतने छोटे हैं इसको कौन पढ़ेगा । खुद सोचो ।
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Published by Rajeev Kunwar 2atcSuc9p iAopanriisoreldis 
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  • Shrabana Chatterjee

    My heartfelt condolences to the bereaved family🙏 May they get all the strength in this hour of grief. May the departed soul rest in peace.

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